कुंडली में लग्न भाव क्या होता है

कुंडली में लग्न भाव क्या होता है

कुंडली में लग्न भाव क्या होता है

हिंदी ज्योतिष लेख के इस लेख में आप जन्म कुंडली के लग्न भाव जिसे कुंडली का पहला भाव, ज्योतिष में लग्न और लग्न का महत्व क्या है इस बारे में जानेंगे। ज्योतिष ज्ञान की बात की जाए तो सबसे पहले यह जानना जरुरी होता है की जन्म कुंडली में लग्न क्या है।

जैसे किसी मनुष्य के जीवन की शुरुआत जन्म से होती है, उसी प्रकार किसी कुंडली की शुरुआत "लग्न भाव" से होती है। इसे पहले भाव या प्रथम भाव भी कहा जाता है। यह भाव उस राशि को दर्शाता है जो व्यक्ति के जन्म के समय पूर्वी क्षितिज पर उदित हो रही होती है। यही लग्न व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन का आधार होता है, और इसी से बाकी ग्यारह भावों की स्थिति तय होती है।

लग्न भाव से व्यक्ति के स्वभाव, व्यक्तित्व, शारीरिक बनावट, आत्मविश्वास, व्यवहार और जीवन की मूल प्रवृत्तियों का आंकलन किया जाता है। यदि कुंडली में लग्न भाव मजबूत हो, उसमें शुभ ग्रह स्थित हों या उस पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो, तो व्यक्ति जीवन में उन्नति करता है, समाज में सम्मान पाता है और आत्मबल से भरा होता है। वहीं, यदि लग्न भाव पर पाप ग्रहों की दृष्टि हो या उसमें अशुभ ग्रह स्थित हों, तो व्यक्ति को स्वास्थ्य, आत्मविश्वास या सामाजिक छवि से जुड़ी चुनौतियाँ झेलनी पड़ सकती हैं।

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लग्न न केवल हमारे बाहरी व्यक्तित्व को दर्शाता है, बल्कि यह हमारे मानसिक और आत्मिक स्तर का भी संकेतक होता है। कई बार एक ही राशि में जन्म लेने वाले दो व्यक्ति बिलकुल अलग प्रकृति के होते हैं, और इसका कारण उनके लग्न में अंतर होना होता है।

ज्योतिष में जब किसी जातक की कुंडली का अध्ययन किया जाता है, तो सबसे पहले उसके लग्न को देखा जाता है। यही भाव यह निर्धारित करता है कि अन्य ग्रहों की स्थिति जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को कैसे प्रभावित करेगी।

इसलिए लग्न भाव को कुंडली का "मुख्य द्वार" भी कहा जाता है — यह हमारे जीवन की दिशा, दृष्टि और दशा का निर्धारण करता है।

lakshmi narayan

Lakshmi Narayan is a famous astrologer of Durg/Bhilai, he is the perfective of Shani Dev and solves the problems of the people with the power of his knowledge and sadhana. Astrology is a spiritual practice which is a science related to God and spirituality, astrology is incomplete without spiritual practice. Lakshmi Narayan solves the problems of astrology only based on 'Sadhana'.

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