राहु से तीन घर आगे का भाव: करोड़पति बनने का ज्योतिषीय रहस्य
राहु से तीन घर आगे – धन योग का रहस्य
क्या आप जानते हैं कि राहु से तीन घर आगे कौन सा भाव होता है, और यह कैसे आपको धनवान, यहां तक कि करोड़पति बना सकता है?
ज्योतिष शास्त्र में राहु को एक छाया ग्रह माना गया है, जो रहस्यों, आकस्मिक लाभ, छल-कपट और असामान्य सफलताओं का कारक होता है। हालांकि राहु स्वयं कोई राशि स्वामित्व नहीं रखता, फिर भी यह जिस भाव में बैठता है और जहां दृष्टि डालता है, वहां गहरा असर डालता है।
लेकिन आज बात उस विशेष भाव की — जो राहु से तीन घर आगे होता है।
तो वह कौन सा भाव है?
यदि राहु को आप अपनी कुंडली में प्रथम भाव में मानें, तो तीन घर आगे चतुर्थ भाव होगा।
अगर राहु द्वितीय भाव में है, तो तीन घर आगे पंचम भाव।
इसी प्रकार राहु से गिनकर तीसरे घर को देखें — वही भाव इस विश्लेषण में महत्वपूर्ण है।
क्यों खास है राहु से तीसरा भाव?
राहु जिस घर में बैठता है, वहां अक्सर भ्रम, मोह या असमंजस की स्थिति पैदा करता है। लेकिन उससे तीसरा भाव — यानि परिश्रम, कौशल और आत्म-प्रयास का भाव माना जाता है।
इस स्थान पर मजबूत ग्रहों की स्थिति या विशेष योग, व्यक्ति को आकस्मिक लाभ, व्यवसाय में सफलता, और कई बार बिना अपेक्षा के धन प्राप्ति तक दिला सकते हैं।
यह भाव हमें यह भी बताता है कि व्यक्ति किस तरह के कर्म से धन अर्जित करेगा — और अगर राहु इस राह को अजीब या अलग बना रहा हो, तो करोड़पति बनने का रास्ता पारंपरिक नहीं, बल्कि अनोखा हो सकता है। जैसे:
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अचानक शेयर मार्केट से लाभ,
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विदेशी स्रोतों से पैसा,
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डिजिटल या रहस्यमयी कामों से कमाई,
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गुप्त विज्ञान, ज्योतिष या तंत्र से प्राप्त लाभ।
किन स्थितियों में यह योग फलदायी होता है?
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यदि राहु से तीन घर आगे धन के कारक ग्रह (जैसे शुक्र, बृहस्पति या बुध) स्थित हों,
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यदि वहां धन योग या राजयोग बन रहा हो,
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या उस भाव का स्वामी ग्रह उच्च का या अपनी राशि में हो,
तो समझिए व्यक्ति के पास करोड़पति बनने की पूर्ण संभावनाएँ हैं।
निष्कर्ष:
राहु से तीन घर आगे का भाव महज अंकगणित नहीं है — वह एक संकेत है ब्रह्मांड से, कि आपकी जीवन यात्रा में धन कहां से और कैसे आएगा। राहु की चाल भले रहस्यमय हो, लेकिन अगर आपने उस रहस्य को समझ लिया — तो भाग्य आपका दरवाज़ा ज़रूर खटखटाएगा।