प्रथम भाव में कन्या राशि: Virgo in the First House in Hindi

प्रथम भाव में कन्या राशि: Virgo in the First House in Hindi

प्रथम भाव में कन्या राशि: Virgo in the First House in Hindi

प्रथम भाव में कन्या राशि का होना "कन्या लग्न" की कुंडली का निर्माण करता है। इस राशि के जातकों का स्वभाव प्रायः स्त्री-सुलभ होता है, जो उनके नाम से भी स्पष्ट है। इनका शारीरिक गठन सामान्यतः मध्यम होता है, न तो बहुत लम्बा और न ही बहुत छोटा। इनकी त्वचा का रंग सामान्यतः गौर होता है, नाक की आकृति तीखी होती है, और इनके केश घने होते हैं। माथा चौड़ा होने के कारण इनका व्यक्तित्व आकर्षक प्रतीत होता है।

कन्या लग्न के जातकों का स्वभाव ऐसा होता है कि वे किसी भी कार्य को जल्दी में करने की प्रवृत्ति रखते हैं। वे अक्सर बिना सोचे-समझे कार्य आरंभ कर देते हैं, जिससे कभी-कभी उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इनकी भावनाएं अत्यधिक संवेदनशील होती हैं, जिसके कारण वे अपने मनोभावों पर नियंत्रण नहीं रख पाते। यह जातक अक्सर दिवास्वप्न में खोए रहते हैं और अपने विचारों में ही उलझे रहते हैं।

इनकी मानसिकता योजनाओं को बनाने में व्यस्त रहती है, और वे अक्सर अपने विचारों को वास्तविकता में बदलने के बारे में सोचते रहते हैं। चारपाई पर लेटे-लेटे भी ये अपने सपनों को साकार करने की कल्पना करते हैं। इस प्रकार, कन्या लग्न के जातक अपने विचारों और भावनाओं के जाल में बंधे रहते हैं, जो उन्हें कभी-कभी वास्तविकता से दूर ले जाता है।

इनकी बातों से निष्कर्ष निकालना कठिन होता है, क्योंकि ये अक्सर द्विअर्थी संवाद करते हैं। इनका विद्याध्ययन के प्रति गहरा रुझान होता है और राजनीति के क्षेत्र में ये अपनी पहचान बना लेते हैं। स्वार्थ के चलते, ये अपने छोटे से लाभ के लिए दूसरों को बड़ी हानि पहुंचाने में भी संकोच नहीं करते, जिससे इन्हें स्वार्थी कहा जा सकता है।

भावुकता के कारण जब ये निरंतर संघर्ष करते-करते थक जाते हैं, तब इनमें हीनता की भावना उत्पन्न हो जाती है। विपरीत लिंग के प्रति इनका आकर्षण स्वाभाविक है, लेकिन प्रेम संबंधों में इन्हें अक्सर सफलता नहीं मिलती। यह स्थिति इनके लिए निराशाजनक होती है और इससे इनकी आत्मविश्वास में कमी आ सकती है।

इस प्रकार, इनकी जटिलता और स्वार्थी प्रवृत्तियाँ इन्हें समाज में एक विशेष स्थान दिलाती हैं, लेकिन साथ ही इनके व्यक्तिगत संबंधों में कठिनाइयाँ भी उत्पन्न करती हैं। इनकी भावनाएँ और संघर्ष इन्हें एक अद्वितीय पहचान देते हैं, फिर भी ये अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में कई बार असफल रहते हैं।

lakshmi narayan

Lakshmi Narayan is a famous astrologer of Durg/Bhilai, he is the perfective of Shani Dev and solves the problems of the people with the power of his knowledge and sadhana. Astrology is a spiritual practice which is a science related to God and spirituality, astrology is incomplete without spiritual practice. Lakshmi Narayan solves the problems of astrology only based on 'Sadhana'.

Post a Comment

Previous Post Next Post